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Introduction


नवीकरणीय ऊर्जा एवं शुद्ध जल के लिए समुद्री संसाधनों का उपयोग करने हेतु वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों की खोज करना इस समूह का मुख्य उद्देश्य है । वर्तमान में यह समूह तीन विशिष्ट क्षेत्रों – निम्न तापमान औषणीय विलवणीकरण (एलटीटीडी) प्रक्रिया के प्रयोग से शुद्ध जल का उत्पादन और दो सम्पूर्ण रूप से विभिन्न प्रक्रियाओं - समुद्र औषणीय ऊर्जा परिवर्तन एवं लहर ऊर्जा के प्रयोग से ऊर्जा उत्पादन में कार्यरत है । 

     यह समूह समुद्र से ऊर्जा एवं उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध पेयजल के उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है । उष्णीय विद्युत संयंत्र से शीतल जल निर्वाहन के प्रयोग द्वारा निम्न तापमान औषणीय विलवणीकरण (एलटीटीडी), बाकवर्ड बेंट डक्टड बॉय(बीबीडीबी.)जैसे चलायमान उपकरणों के प्रयोग से लहर ऊर्जा, समुद्री धारा टरबाइन का विकास, सौर विलवणीकरण, एलटीटीडी और समुद्र औषणीय ऊर्जा परिवर्तन के लिए उष्ण परिवर्तक जैसी प्रौद्योगिकियां ही अनुसंधान का मुख्य क्षेत्र है । प्रौद्योगिकी के विकास के दृष्टिकोण के अतिरिक्त, इस समूह ने औद्योगिक साझेदारी के माध्यम से एलटीटीडी प्रौद्योगिकी को समाज तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है ।

ऊर्जा एवं शुद्ध जल: 
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन और समुद्र से शुद्ध जल के उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकियों का विकास करना है । एक निम्न दर वाले बाकवर्ड बेंट डक्टड बॉय का अध्ययन किया गया और इसका क्षेत्र परीक्षण प्रगति पर है । एलटीटीडी संयंत्र सिद्धांत का संचालन विद्युत संयंत्र शीतल जल निर्वाहन के लिए भी उपयुक्त है जहां तापमान अंतर लगभग 10 डिग्री सेल्सियस तक उपलब्ध हो । ऐसे प्रयोगात्मक अपशिष्ट ऊष्मा विलवणीकरण संयंत्र का विन्यास एनसीटीपीएस, चेन्नई में प्रगति पर है ।


उद्देश्य: - : 
उत्तरी चेन्नई औष्णिक ऊर्जा संयंत्र से अपशिष्ट ऊष्मा का उपयोग करके निम्न तापमान औष्णिक विलवणीकरण तकनीक द्वारा प्रति दिन 2-3 लाख लीटर शुद्ध जल का उत्पादन । 
तरंग ऊर्जा संयंत्र की क्षमता को बढ़ाने या सूक्ष्म भार के संचालन या एल.टी.टी.डी संयंत्र के संचालन हेतु ओटेक/ तरंग ऊर्जा के लिए टर्बाइन का विकास  
विलवणीकरण और ऊर्जा रूपांतरण के लिए हीट एक्सचेंजर्स जैसे सैद्धांतिक और प्रायोगिक उपकरणों पर अध्ययन.
एक लघु दर असमस की भांति बिजली लोड करने के लिए एक अस्थायी तरंग संचालित उपकरण स्थापित करने या छोटे द्वीपों की प्रकाश आवश्यकताओं को पूरा करना 
सौर विलवणीकरण सहित नवीनीकरणीय और शुद्ध जा; के सकर्षण के व्यावसायीकरण उपयुक्त रूप से अपनाने और अवयवों के इष्टतमीकरण के लिए सैद्धांतिक, प्रायोगिक और क्षेत्र आंकड़ों का उत्पादन ।


एल.टी.टी.डी. प्रक्रिया द्वारा विलवणीकरण: : 
कम दाब पर गर्म जल को तीव्र गति से भाप बनाने और परिणामी भाप को गहरे समुद्र के शीतल जल से गाढ़ा बनाने हेतु निम्न तापमान औष्णिक विलवणीकरण (एल.टी.टी.डी) में गहराई में वृद्धि के साथ समुद्री जल के तापमान में परिवर्तन की घटना का प्रयोग किया जाता है । एक छोटी सी प्रयोगशाला आधारित 5 मी 3/दिन क्षमता पैमाने पर मॉडल से शुरू करते हुए, समूह सफलतापूर्वक कवरत्ती में 100 मी 3/दिन क्षमता भूमि आधारित संयंत्र और चेन्नई के तट पर एक 1000 मी 3/दिन क्षमता अस्थायी बार्ज आधारित विलवणीकरण संयंत्र चालू किया गया है ।

यह समूह उन ऊर्जा संयंत्रों जहां अत्यधिक मात्रा में निरंतर रूप से संयंत्र से गर्म जल का निर्वाहन होता है के लिए सफलतापूर्वक एल.टी.टी.डी प्रक्रिया संचालन करता है । उत्तरी चेन्नई औष्णिक ऊर्जा संयंत्र में एक प्रदर्शन संयंत्र की स्थापना की गई है जहां निरंतर रूप से शुद्ध जल का उत्पादन होता है । तूतिकोरिन औष्णिक ऊर्जा संयंत्र स्टेशन में 2 x 1 एमएलडी क्षमता वाले एक समान संयंत्र की स्थापना का कार्य जारी है।

रासप्रौसं ने मार्च 2007 में चेन्नई तट से दूर 40 किलोमीटर की दूरी पर 1000 मी 3 / दिन बार्ज माउटड विलवणीकरण संयंत्र का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया है । 1000 मी जल की गहराई चेन्नई बंद के आसपास बड़े पैमाने पर अपतटीय विलवणीकरण संयंत्र स्थापित करने का प्रयास किए जा रहे हैं ।

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बाकवर्ड बेंट डक्टड बॉय(बीबीडीबी)
रैपिड प्रोटोटाइप मशीन से निर्मित 157 मिमी गोर्लोव टरबाइन मॉडल

 

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इस्पात प्रबलित ब्लेड से निर्मित 300 मिमी हेलिकल टरबाइन