रासप्रौसं के बारे में


राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान(रासप्रौसं) की स्थापना नवंबर 1993 में भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में की गई थी । रासप्रौसं का प्रबंधन शासकीय परिषद द्वारा किया जाता है और निदेशक इस संस्थान के प्रमुख हैं I पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत रासप्रौसं को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय अनन्य क्षेत्र, जो भारत के भूमि क्षेत्र का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है, के निर्जीव एवं सजीव संसाधन, के उपयोग से संबंधित विभिन्न प्रौद्योगिकी समस्याओं को सुलझाने के लिए विश्वसनीय देशी तकनीक विकसित करना है ।


मिशन कथन


  • समुद्र संसाधनों के सतत उपयोग के लिए विश्वस्तरीय तकनीक और उसके अनुप्रयोगों का विकास ।
  • समुद्र के क्षेत्र में कार्यरत संगठनों के लिये प्रतिस्पर्धात्मक, मूल्य वर्धित तकनीकी सेवाएं एवं समाधान उपलब्ध कराना ।i>
  • भारत में समुद्र संसाधनों एवं पर्यावरण के प्रबंधन के लिये ज्ञान आधारित व संस्थागत क्षमताओं का विकास ।